“जिस देश का शिक्षा तंत्र एवं स्वास्थ्य तंत्र ठीक रहता है वह देश स्वतः ही ठीक हो जाता है”
“ भारतीयता का मूल उसके चरित्र में छिपा है जिसे शिक्षा दर्शन के माध्यम से ही चरितार्थ किया जा सकता है“ -देशराज शर्मा, महामंत्री विद्या भारती उत्तरक्षेत्र
“ भारत के विश्व की तीसरी महाशक्ति बनने पर विद्या भारती का बहुत बड़ा योगदान है“
-गोविन्द सिंह ठाकुर, शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार
हिमाचल शिक्षा समिति के अतिथि गृह लोकार्पण एवं हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के दसवीं कक्षा के नतीजे में प्रथम दस मेरिट सूची में 6 स्थान प्राप्त करने वाले सरस्वती विद्या मंदिरों के मेधावी छात्र भैया-बहनों के सम्मान समारोह में बोलते हुए विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा जी ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य बहुत ही अहम है जिस देश और प्रदेश में समाज के लोगों का शिक्षा का स्तर और स्वास्थ्य ठीक होगा निःसंदेह वह देश व प्रदेश प्रगति की ओर अग्रसर है । अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जब हमारा देश आजाद हुआ था, तो हम वैचारिक रूप से आजाद नहीं हो पाए थे और न ही हमें अच्छा नेतृत्व मिल पाया था । वैचारिक आजादी की पुनर्स्थापना हेतु राष्ट्रीय सेवक संघ की प्रेरणा से 1952 में प्रथम शिशु मंदिर की स्थापना की गई थी, जिसका उद्देश्य भारतीयों में खोया हुआ आत्मविश्वास, आत्मीयता, निडरता, राष्ट्रहित में जीने वाले व्यक्ति का निर्माण करना था । इसी संकल्प से विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की स्थापना की गई थी जिसका विशालकाय रूप आज हमें देखने को मिल रहा है । इस समय पूरे विश्व में सबसे बड़ा पूर्व छात्रों का संगठन “विद्या भारती पूर्व छात्र परिषद” भी विद्या भारती के पास है जिसमें 825000 पूर्व विद्यार्थी जुड़े हैं, और इन्हीं पूर्व छात्रों में से 7500 प्रशासनिक अधिकारी के रूप में देश के विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवायें दे रहे हैं । हिमाचल प्रांत के डीजीपी संजय कुंडू जी, पंजाब प्रांत के एडीजीपी ईश्वर सिंह जी, जम्मू कश्मीर प्रांत के डीजीपी शक्ति पाठक जी विद्या भारती के ही विद्यार्थी रहे हैं जो इस समय तीनों ही राज्यों में कार्यों को बहुत ही आत्मीयता एवं भक्ति भाव से कर रहे हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा की हमारे पास संसाधनों की कमी हो सकती है लेकिन हमारा वैचारिक पक्ष, आत्मबल, कार्य योजना और संकल्प दृढ़ है जिसके कारण हम विश्व का संचालन करने में सक्षम है वह दिन दूर नहीं जब भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा।
समारोह के मुख्यातिथि प्रदेश के शिक्षामंत्री मा० गोविन्द सिंह ठाकुर जी ने कहा कि विद्या भारती पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान है । यहां के विद्यार्थी पढ़ाई, खेल ही नहीं अपितु संस्कारों एवं राष्ट्रभक्ति में भी अव्वल हैं और विद्या भारती के विद्यार्थी भारत को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति बनाने में सहायक होंगे और विद्या भारती में पढ़ाने वाले आचार्य भी सर्वश्रेष्ठ हैं । जो स्वयं अभाव में रहते हुए शिक्षा के कार्य में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं । जिस वैचारिक दृष्टि को लेकर विद्या भारती कार्य कर रही है वह निःसंदेह ही प्रशंसनीय कार्य है । उन्होंने सभी मेधावी छात्रों को पुरस्कृत कर उन्हें उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।
इस अवसर पर हिमाचल शिक्षा समिति ने 10वीं कक्षा में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की प्रथम दस मैरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं प्रियंका, सरस्वती विद्या मन्दिर ततापानी, आदित्य सांख्यान, सरस्वती विद्या मन्दिर हटवाड़, अंशुल ठाकुर, सरस्वती विद्या मन्दिर मौहीं गोपालपुर, सुजल भारद्वाज, सरस्वती विद्या मन्दिर फतेहपुर, हर्षिता शर्मा, सरस्वती विद्या मन्दिर निहाल बिलासपुर, अंकित कुमार, सरस्वती विद्या मन्दिर प्रागपुर को पुरस्कार राशि व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ।
इस अवसर पर विद्या भारती उत्तरक्षेत्र के अध्यक्ष मा० अशोक पाल जी , संगठन मंत्री मा० विजय नड्डा जी, उपाध्यक्ष मा० सुरेन्द्र अत्री जी, समर्थ शिक्षा समिति दिल्ली के संरक्षक श्री प्रवीणकांत जी, ब्रिगेडियर पवन कुमार जी एवं विद्या भारतीउत्तर क्षेत्र तथा हिमाचल शिक्षा समिति के अधिकारी व शिमला के अन्य गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे।