हिमाचल शिक्षा समिति द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिरों में आज महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन जी की जयंती व राष्ट्रीय गणित दिवस काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस अवसर पर बच्चों को महान भारतीय गणितज्ञ श्री रामानुजन जी के जीवन के बारे में जानकारी दी गई । इस अवसर पर विद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे गणित विषय पर संभाषण, पहेलियाँ, कविताओं एवं रंगोली प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन किया गया । इन प्रतियोगितों में श्रेष्ठ भैया-बहनों को विद्यालयों के तरफ से पुरस्कृत भी किया गया । इस अवसर पर विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व गणित आचार्यों भैया-बहनों को श्रीनिवास रामानुजन जी के जीवन की विस्तृत जानकारी दी ।
इस अवसर पर विद्यालयों के भैया-बहनों को बताया कि गणित भारत का सर्वश्रेष्ठ विषय रहा है व संपूर्ण विश्व को जीरो का ज्ञान भारत ने ही दिया है । भारत में गणित का क्षेत्र काफी उन्नत था, जिसके आधार पर भारत की अंक परम्परा डेसिमल सिस्टम भारत ने अरब को दिया । अरब से होता हुआ यह यूरोप में पहुंचा और यूरोप ने इसे संपूर्ण विश्व तक पहुंचाया इस प्रकार यह हिन्दू अरबिक अंक के नाम से यूरोपियों तक पहुंचा इससे पूर्व विश्व को गिनती तक नहीं आती थी यह विश्व को भारत की बहुत बड़ी देन थी । अंको का ज्ञान देने के लिए भारत मे कई गणितज्ञ हुए जैसे आर्यभट्ट, भास्कराचार्य , ब्रह्मगुप्त, कासपेकर, हेमचंद्र सूरी, नारायण पंडित आदि । इनका गणित के क्षेत्र में काफी योगदान रहा । आधुनिक समय के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन जी ने गणित के क्षेत्र में अमूल्य विकास करके विश्व को चोंका दिया तथा भारत का नाम रोशन किया । आज संपूर्ण देश रामानुजन के जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय गणित दिवस मना रहा है । इसकी घोषणा 2012 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह जी ने मद्रास विश्वविद्यालय में की थी। आज उनकी 134 वी जयन्ती मनाई जा रही है। रामानुजन ने 3900 प्रमेय जी० एच० हार्डी को इंग्लैंड में भेजी। उसमें से दो तिहाई थ्योरम ही अभी तक सुलझ पाई है बाकी अभी शेष बची है रामानुजन ने गणित के क्षेत्र में काफी अनुसंधान किए तथा उनको लंदन में रॉयल सोसाइटी का सदस्य भी बनाया गया तथा उनको बीए की उपाधि भी दी गयी । सभी भैया-बहनों को रामानुजन के द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने, इनके जीवन से सीखने की एवं अपनी रूचि के अनुसार विषय चयन कर अपने जीवन को गति प्रदान करने की प्रेरणा दी गई ।